tag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post5468289131981647667..comments2023-10-20T18:37:46.631+05:30Comments on गठरी: गांव गया था ,गांव देखने ----(अजय की गठरी)अजय कुमारhttp://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-67405699897726571232011-10-20T22:12:30.323+05:302011-10-20T22:12:30.323+05:30सन्देश देती प्रस्तुति!सन्देश देती प्रस्तुति!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-44032646515514768812011-10-20T11:57:38.642+05:302011-10-20T11:57:38.642+05:30Adbhut very nice all articles.Adbhut very nice all articles.Jai Guru Geeta Gopalhttps://www.blogger.com/profile/01621836960274288942noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-20956280730960029302011-06-30T11:27:59.603+05:302011-06-30T11:27:59.603+05:30सच कह दिया आपने ...गाँव के बिना शहर भूखा मर जायेगा...सच कह दिया आपने ...गाँव के बिना शहर भूखा मर जायेगा .....प्रभावी प्रस्तुति !निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-88926914828011427762011-06-29T13:26:40.516+05:302011-06-29T13:26:40.516+05:30अच्छी रचना है। स्व. कैलाश गौतम की रचना याद आ गई ।
...अच्छी रचना है। स्व. कैलाश गौतम की रचना याद आ गई ।<br /><br />गाँव गया था<br />गाँव से भागा ।<br /> रामराज का हाल देखकर<br /> पंचायत की चाल देखकर<br /> आँगन में दीवाल देखकर<br /> सिर पर आती डाल देखकर<br /> नदी का पानी लाल देखकर<br /> और आँख में बाल देखकर<br />गाँव गया था<br />गाँव से भागा ।<br /><br />गाँव गया था<br />गाँव से भागा ।<br /> सरकारी स्कीम देखकर<br /> बालू में से क्रीम देखकर<br /> देह बनाती टीम देखकर<br /> हवा में उड़ता भीम देखकर<br /> सौ-सौ नीम हकीम देखकर<br />गांव गया था<br />गांव से भागा।महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-51720278892740327002011-06-29T02:06:38.617+05:302011-06-29T02:06:38.617+05:30सब कुछ बदल गया है....कहाँ वो पहले वाला गांव!!सब कुछ बदल गया है....कहाँ वो पहले वाला गांव!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-16542167091075865492011-06-28T12:21:12.596+05:302011-06-28T12:21:12.596+05:30शहर के बिना गांव का काम चल जायेगा ।
गांव के बिना श...शहर के बिना गांव का काम चल जायेगा ।<br />गांव के बिना शहर भूखा मर जायेगा ॥<br />इसीलिये कहता हूं<br />कि गांव को शहर मत ले जाओ ।<br />शहर जैसी सुविधा ,गांव में भी लाओ ॥<br /><br />बहुत सार्थक सन्देश !आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें।Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-17611076932377709852011-06-27T20:09:52.013+05:302011-06-27T20:09:52.013+05:30गांव की चाहत तो हर किसी को होती है।
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विल...गांव की चाहत तो हर किसी को होती है।<br /><br />---------<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">विलुप्त हो जाएगा इंसान?</a></b><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">कहाँ ले जाएगी, ये लड़कों की चाहत? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-11287266060878934132011-06-27T18:55:57.668+05:302011-06-27T18:55:57.668+05:30अच्छी संवेदनशील रचना.......अच्छी संवेदनशील रचना.......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-1606665018529707732011-06-26T11:08:05.292+05:302011-06-26T11:08:05.292+05:30बहुत बढिया कविता । पहले के गांव और अब के गांव वाबत...बहुत बढिया कविता । पहले के गांव और अब के गांव वाबत ।वो पेड भी वैसे नहीं जैसे बचपन मे छोडे थे वो माहौल भी नहींBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-31341280442200566032011-06-25T14:42:30.826+05:302011-06-25T14:42:30.826+05:30यथार्थ के धरातल पर रची गयी एक सार्थक,सुन्दर एवं मर...यथार्थ के धरातल पर रची गयी एक सार्थक,सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-11080856500834852072011-06-25T08:28:36.327+05:302011-06-25T08:28:36.327+05:30@लोग गांव से शहर जाते हैं ,सुख की तलाश में ।
और फं...@लोग गांव से शहर जाते हैं ,सुख की तलाश में ।<br />और फंस जाते हैं ,न खत्म होने वाले वनवास में ॥<br /> आज की कडवी हकीकत. वाकई हम सबकी जड़े गाँवों में हैं, लेकिन हम अपनी ही जड़ों को भूलते मिटाते जा रहे हैं. आपने मुझे भी अपने गाँव की याद दिला दी. आभार.Swarajya karunhttps://www.blogger.com/profile/03476570544953277105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-71926083732067026952011-06-24T16:50:37.500+05:302011-06-24T16:50:37.500+05:30टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक...टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-47564047046762880362011-06-23T21:16:02.504+05:302011-06-23T21:16:02.504+05:30"गमन" कह लें या एक्ज़ोडस... दर्द ही लेकर ..."गमन" कह लें या एक्ज़ोडस... दर्द ही लेकर आता है!!कहते तो इसे तरक्की हैं मगर जब पीछे मुड़के देखो तो अफ्सोस होता है.. वो कहावत है ना मुर्दे का कफन जितनी बार खोलो रुलायी छूटती है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-52833794437561545272011-06-22T12:20:34.293+05:302011-06-22T12:20:34.293+05:30अब पहले जैसा कहीं भी , कुछ भी नहीं। सिर्फ यादें ही...अब पहले जैसा कहीं भी , कुछ भी नहीं। सिर्फ यादें ही तो हैं ...ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-68559494980612710642011-06-22T11:04:36.282+05:302011-06-22T11:04:36.282+05:30बहुत ही सुंदर हर किसी के दिल मे यही भाव है किसी का...बहुत ही सुंदर हर किसी के दिल मे यही भाव है किसी का गांव छूट गया किसी का कस्बा कॊई अपने ही शहर मे रह रहा है पर उससे वो शहर ही छूट गया आखों के सामनेArunesh c davehttps://www.blogger.com/profile/15937198978776148264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-34240554441907419252011-06-22T08:54:34.664+05:302011-06-22T08:54:34.664+05:30आपकी रचना पढ़कर बचपन के दिन याद आ गए! बहुत सुन्दर...आपकी रचना पढ़कर बचपन के दिन याद आ गए! बहुत सुन्दर सन्देश देती हुई शानदार रचना लिखा है आपने!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-19820697582272508302011-06-21T21:50:21.463+05:302011-06-21T21:50:21.463+05:30बौने आम के बाग लगे हैं
पहले जैसा छांव नहीं है ॥
क्...बौने आम के बाग लगे हैं<br />पहले जैसा छांव नहीं है ॥<br />क्या बात कही है! गांव की यही (दुर्)दशा है।<br />आपकी इस रचना को पढ़कर कुछ शे’र याद आ गए ...<br /><br />घने दरख़्त के नीचे मुझे लगा अक्सर<br />कोई बुज़ुर्ग मिरे सर पर हाथ रखता है।<br /><br />और<br /><br />घने दरख़्त के नीचे मुझे लगा अक्सर<br />कोई बुज़ुर्ग मिरे सर पर हाथ रखता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-55780856301206970392011-06-21T21:15:43.712+05:302011-06-21T21:15:43.712+05:30कोई लौटा दे वही बीते हुए दिन..
संवेदनशील रचना.कोई लौटा दे वही बीते हुए दिन..<br />संवेदनशील रचना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-85558181289818938792011-06-20T15:35:41.782+05:302011-06-20T15:35:41.782+05:30यादो के साये में पीपल की छांव के बीच भावमय शब्दों...यादो के साये में पीपल की छांव के बीच भावमय शब्दों के साथ ...विचारणीय प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-76607422369172880332011-06-20T08:54:50.386+05:302011-06-20T08:54:50.386+05:30बचपन की याद दिलाते हुये अच्छा सन्देश भी दे दिया। अ...बचपन की याद दिलाते हुये अच्छा सन्देश भी दे दिया। अच्छी रचना के लिये बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-61069649246184581992011-06-19T23:09:09.280+05:302011-06-19T23:09:09.280+05:30सही सन्देश देती अच्छी प्रस्तुति|सही सन्देश देती अच्छी प्रस्तुति|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-12464113798146106072011-06-19T20:13:42.358+05:302011-06-19T20:13:42.358+05:30जब हम ही बदल गए है तो गाँव भी बदलेगा । वक्त कहाँ क...जब हम ही बदल गए है तो गाँव भी बदलेगा । वक्त कहाँ कभी ठहरा है ।<br />लेकिन यह सही है कि गाँव में भी सभी सुविधाएँ हो जाएँ तो कोई शहर क्यों आए ।<br /><br />अच्छी संवेदनशील रचना ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-48236038831601923962011-06-19T17:12:11.483+05:302011-06-19T17:12:11.483+05:30बदलाव की बयार.बदलाव की बयार.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-86654532557171753342011-06-19T16:32:43.295+05:302011-06-19T16:32:43.295+05:30संवेदनशील ... बहुत ही सही समस्या को उठाया है ... घ...संवेदनशील ... बहुत ही सही समस्या को उठाया है ... घर से डोर जाने का दुख जो रहता है वही समझ सकता है .... लाजवाब कविता ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2183148948888450420.post-15503298560406761022011-06-19T14:31:52.834+05:302011-06-19T14:31:52.834+05:30बेहतरीन शब्द दिए है एक ज्वलंत समस्या को , हमें बचा...बेहतरीन शब्द दिए है एक ज्वलंत समस्या को , हमें बचाना ही होगा खाली होते गावों को नहीं तो एक दी आयेगा शहर खाली होने लगेंगे प्राकृतिक आपदाओं से , जाग्रत करती कविता बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.com