तुम बिन तुम्हारी याद में ,पीते हैं सदा गम ।
इजहार-ए-इश्क तुमसे ,क्यूं कर न सके हम ॥
जब हो न सके मुझको ,दीदार तुम्हारा ।
दिन भर तेरी तस्वीर का करते हैं नजारा ।
रातों को तेरी याद में , जलते हैं सदा हम ॥
आँखों से छलकते हैं तेरे ,जाम के प्याले ।
चेहरे की चमक से तेरे , फैले हैं उजाले ।
है ताज भी कुछ ऐसा ,यही सोचते हैं हम ॥
होंठों पे तबस्सुम है या , बिजली की चमक है ।
सांसें हैं या ,सावन के हवाओं की महक है ।
दिल चाहता है तुम पे , निसारूं कई जनम ॥
ज़ुल्फें बिखेर दी तो , घटा ऐसी छा गई ।
ये मन मयूर समझा कि , बरसात आ गई।
दिल नाचने लगा है , आ जाओ ऐ सनम ॥
तारों की कसम मैंने , तुम्हें प्यार किया है ।
मैंनें तो तुम्हें कत्ल का ,अधिकार दिया है ।
जां निकले तेरी बांह में , ये चाहते हैं हम ॥
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गठरी पर अजय कुमार
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इजहार-ए-इश्क तुमसे ,क्यूं कर न सके हम ॥
जब हो न सके मुझको ,दीदार तुम्हारा ।
दिन भर तेरी तस्वीर का करते हैं नजारा ।
रातों को तेरी याद में , जलते हैं सदा हम ॥
आँखों से छलकते हैं तेरे ,जाम के प्याले ।
चेहरे की चमक से तेरे , फैले हैं उजाले ।
है ताज भी कुछ ऐसा ,यही सोचते हैं हम ॥
होंठों पे तबस्सुम है या , बिजली की चमक है ।
सांसें हैं या ,सावन के हवाओं की महक है ।
दिल चाहता है तुम पे , निसारूं कई जनम ॥
ज़ुल्फें बिखेर दी तो , घटा ऐसी छा गई ।
ये मन मयूर समझा कि , बरसात आ गई।
दिल नाचने लगा है , आ जाओ ऐ सनम ॥
तारों की कसम मैंने , तुम्हें प्यार किया है ।
मैंनें तो तुम्हें कत्ल का ,अधिकार दिया है ।
जां निकले तेरी बांह में , ये चाहते हैं हम ॥
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गठरी पर अजय कुमार
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बहुत बढ़िया ||
ReplyDeleteबधाई ||
शब्दों और भावों का सुंदर तालमेल।
ReplyDeleteबढि़या गीत।
शब्दों और भावों का सुंदर तालमेल।
ReplyDeleteबढि़या गीत।
गहरे भाव।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति।
kya khoob likha hai aapne
ReplyDelete्वाह बहुत सुन्दर भाव संजोये हैं।
ReplyDeleteएक व्यथित ह्रदय प्रेमी की ह्रदय से निकला अद्भुत गीत... शब्द और अभिव्यक्ति इस तरह पिरोई गयी है कि बस अपनी सी लगती है!!
ReplyDeleteप्यार मे इतना भी गमगीन न हो जाओ कि गुम हो जाओ !
ReplyDeleteप्रभावशाली प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत है ।
ReplyDeleteमन के भावों की आपने एक बेहतरीन अभिव्यक्ति दी है इस नज़्म में।
ReplyDeleteमन के भाव शब्दों के साथ.. बेहतरीन!
ReplyDeleteवाह ..बहुत ही बढि़या ।
ReplyDeleteतनहाई और विरह की एक यादगार अनुभूति और अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और भावपूर्ण...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति
ReplyDeleteगहन भावो के साथ सुन्दर रचना...
ReplyDeleteशब्दों और भावों का सुंदर तालमेल.......
ReplyDeleteमोहब्बत की इंतिहा.सारी कायनात में महबूब ही नज़र आ रहा है फिर भी मोहब्बत का इजहार नहीं कर पाना -संस्कारों की गठरी और प्रेम में शिष्टता का सुंदर समन्वय.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगा! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना ! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
भावों का सुन्दर गठरी है.
ReplyDeleteसुंदर गीत ...आभार
ReplyDeleteवाह ... प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति ... लाजवाब गीत है ....
ReplyDeleteरचना चर्चा-मंच पर, शोभित सब उत्कृष्ट |
ReplyDeleteसंग में परिचय-श्रृंखला, करती हैं आकृष्ट |
FRIDAY
Charcha-Manch
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
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बहुत ही सुन्दर....
ReplyDeleteआपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं