Sunday, October 9, 2011

इजहार-ए-इश्क तुमसे क्यूं कर न सके हम (अजय की गठरी)

तुम बिन तुम्हारी याद में ,पीते हैं सदा गम ।
इजहार-ए-इश्क तुमसे ,क्यूं कर न सके हम ॥


जब हो न सके मुझको ,दीदार तुम्हारा ।
दिन भर तेरी तस्वीर का करते हैं नजारा ।
रातों को तेरी याद में , जलते हैं सदा हम ॥


आँखों से छलकते हैं तेरे ,जाम के प्याले ।
चेहरे की चमक से तेरे , फैले हैं उजाले ।
है ताज भी कुछ ऐसा ,यही सोचते हैं हम ॥


होंठों पे तबस्सुम है या , बिजली की चमक है ।
सांसें हैं या ,सावन के हवाओं की महक है ।
दिल चाहता है तुम पे , निसारूं कई जनम ॥


ज़ुल्फें बिखेर दी तो , घटा ऐसी छा गई ।
ये मन मयूर समझा कि , बरसात आ गई।
दिल नाचने लगा है , आ जाओ ऐ सनम ॥


तारों की कसम मैंने , तुम्हें प्यार किया है ।
मैंनें तो तुम्हें कत्ल का ,अधिकार दिया है ।
जां निकले तेरी बांह में , ये चाहते हैं हम ॥ 
***********************************
गठरी पर अजय कुमार
***********************************

26 comments:

  1. बहुत बढ़िया ||
    बधाई ||

    ReplyDelete
  2. शब्दों और भावों का सुंदर तालमेल।
    बढि़या गीत।

    ReplyDelete
  3. शब्दों और भावों का सुंदर तालमेल।
    बढि़या गीत।

    ReplyDelete
  4. गहरे भाव।
    सुंदर प्रस्‍तुति।

    ReplyDelete
  5. ्वाह बहुत सुन्दर भाव संजोये हैं।

    ReplyDelete
  6. एक व्यथित ह्रदय प्रेमी की ह्रदय से निकला अद्भुत गीत... शब्द और अभिव्यक्ति इस तरह पिरोई गयी है कि बस अपनी सी लगती है!!

    ReplyDelete
  7. प्यार मे इतना भी गमगीन न हो जाओ कि गुम हो जाओ !

    ReplyDelete
  8. प्रभावशाली प्रस्तुति

    ReplyDelete
  9. बहुत सुन्दर गीत है ।

    ReplyDelete
  10. मन के भावों की आपने एक बेहतरीन अभिव्यक्ति दी है इस नज़्म में।

    ReplyDelete
  11. मन के भाव शब्दों के साथ.. बेहतरीन!

    ReplyDelete
  12. वाह ..बहुत ही बढि़या ।

    ReplyDelete
  13. तनहाई और विरह की एक यादगार अनुभूति और अभिव्यक्ति !

    ReplyDelete
  14. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...

    ReplyDelete
  15. बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  16. गहन भावो के साथ सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  17. शब्दों और भावों का सुंदर तालमेल.......

    ReplyDelete
  18. मोहब्बत की इंतिहा.सारी कायनात में महबूब ही नज़र आ रहा है फिर भी मोहब्बत का इजहार नहीं कर पाना -संस्कारों की गठरी और प्रेम में शिष्टता का सुंदर समन्वय.

    ReplyDelete
  19. बहुत बढ़िया लगा! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना ! शानदार प्रस्तुती!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com

    ReplyDelete
  20. भावों का सुन्दर गठरी है.

    ReplyDelete
  21. वाह ... प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति ... लाजवाब गीत है ....

    ReplyDelete
  22. रचना चर्चा-मंच पर, शोभित सब उत्कृष्ट |
    संग में परिचय-श्रृंखला, करती हैं आकृष्ट |

    FRIDAY

    Charcha-Manch

    ReplyDelete
  23. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  24. बहुत ही सुन्दर....
    आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं

    ReplyDelete