Sunday, August 26, 2012

तुम सदा ऐसे ही मुस्कुराना--(अजय की गठरी)

चांदनी का शमां ये सुहाना , जाने किसको बनाये दीवाना ।
देखकर मुझको तिरछी नजर से , दिल में सीधे उतरती हो जांनां ॥

मैं हूं आशिक तेरा हुश्नवाले , अपनी आंखों में मुझको बसा ले ।
ये निगाहें तेरी जादुई हैं , ये निगाहें तेरी कातिलाना ॥

आज पीने दे जी भर के साकी , कल से छोड़ुंगा पीना मैं साकी ।
आज प्याले को रख दो बगल में , आज नजरों से मुझको पिलाना ॥

मैं इबादत करुंगा तुम्हारी , दौलत-ए-हुश्न मुझको है प्यारी ।
हुश्न तेरा गजब ढा रहा है , फिदा तुझ पर है तेरा दीवाना ॥

लब पे मुस्कान मासूम चेहरा ,ख्वाब को मेरे कर दो सुनहरा ।
हुश्न का गहना है मुस्कुराहट , तुम सदा ऐसे ही मुस्कुराना ॥

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अजय कुमार (गठरी पर)
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14 comments:

  1. BEAUTIFUL LINES WITH THOUGHT AND EMOTIONS.

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  2. बहुत -बहुत सुन्दर रचना....
    :-)

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  3. ख़ूबसूरत रचना, सुन्दर भाव, बधाई.

    मेरे ब्लॉग " meri kavitayen "की नवीनतम पोस्ट पर आपका स्वागत है .

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  4. भावमय करते शब्‍दों का संगम ... आभार इस प्रस्‍तुति के लिए

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  5. बहुत सुन्दर भाव लिए बेहतरीन रचना,



    मोहब्बत नामा
    मास्टर्स टेक टिप्स

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  6. बहुत सुन्दर भाव लिए बेहतरीन रचना,

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  7. अति सुंदर भावों में उम्र के जूड़े में प्यरा सा फूल टांक दिया है, वाह !!!!!!!!!

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  8. अति सुंदर भावों में उम्र के जूड़े में प्यरा सा फूल टांक दिया है, वाह !!!!!!!!!

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  9. bahut sundar rachna ...
    shubhkamnayen ..

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