किसी की मां , बहन , बेटी ,
किसी का प्यार --लड़की
गर्भ में असुरक्षित
घर में भेदभाव का शिकार --लड़की ||
बेटियों की ह्त्या , गर्भ में की जाती है
भ्रूण-ह्त्या तो अपराध है |
ये हत्यारे कोई सजा नहीं पाते ,
हे व्यवस्था तुझे साधुवाद है -------
एक लड़की इन सबसे बचकर , आगे बढ़ रही थी
दो- चार सीढियां चढ़ रही थी
उसकी इज्जत तार -तार हो गयी
इंसानियत भी शर्मसार हो गयी
ऐसे हादसे पहले भी होते रहे हैं |
कड़ी कार्रवाई का भरोसा देकर
हमारे कर्ता-धर्ता सोते रहे हैं ||
पूरी संसद ,
शासन-प्रशासन के लोग , भावनावों में बह रहे हैं |
कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए
चीख चीख कर कह रहे हैं ||
मेरी मंद-बुद्धि एक सवाल करती है
जब सारा अधिकार तुम्हारे पास है |
सजा देने के लिए क्या किसी और की तलाश है ???
क्यों चीख रहे हो चिल्ला रहे हो ?
किससे तुम्हारा ये , संवाद है ?
हे व्यवस्था तुझे साधुवाद है ---
मां -बहनों का सम्मान करो , इन अधम-पिशाचों को बताना होगा |
म्रत्युदंड नहीं --तुम्हें अपना पुरुषत्व गंवाना होगा ||
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गठरी पर अजय कुमार
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यही इनका इलाज है
ReplyDeleteशानदार लेखन, बधाई !!!
ReplyDeletekaash aisa ho pata....
ReplyDeletefir to sab sahi ho jata...
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक अभिव्यक्ति हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (24-12-2012) के चर्चा मंच-११०३ (अगले बलात्कार की प्रतीक्षा) पर भी होगी!
सूचनार्थ...!
बिलकुल सही ....
ReplyDeleteआँख नम है
ReplyDeleteन्याय की माँग में
जुल्म देख
...
ये इन नेताओं की बहाने बाजी है ... संसद में चिलाते हैं .. नाटक दिखाते हैं ... फिर म्म्मिल बाँट के खाते हैं ...
ReplyDeleteवाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
ReplyDeletebrilliant Jija JI
ReplyDeleteअरे मेरे साले साहब कब तक LOVER BOY रहोगे --
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