Sunday, October 11, 2009

उनके लिए

जिंदगी का अब मजा आने लगा है |
देखकर उनको नशा छाने लगा है ||
फिर बहारों से चमन आबाद है ,
बाग़ में शायद कोई आने लगा है |
दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |
रात भर बाँहों में रहते हैं मेरे ,
ख्वाब मेरा ये बिखर जाने लगा है |
नज़र तिरछी ,मुंह में ऊँगली .सर झुकाकर ,
प्यार का इकरार हो जाने लगा है |
जबसे रक्खा है ,जवानी में कदम ,
देखिये पर्दा किया जाने लगा है |

23 comments:

  1. जबसे रक्खा है ,जवानी में कदम ,
    देखिये पर्दा किया जाने लगा है |
    बेहतरीन गज़ल. उम्दा शेर

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  2. " behatarin ...aapko badhai "

    ----- eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogspot.com

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  3. जिन्दगी यूँ ही मज़े मज़े में गुजरती काश ...कितना अच्छा होता ...बहुत मजबूरियां हैं जिन्दगी तेरी राहों में ....

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  4. उम्दा, लिखते रहिए.... हम भी आते रहेंगे।

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  5. उम्दा, लिखते रहिए.... हम भी आते रहेंगे।

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  6. उनके लिए ...कुछ यूँ लगा आप ने मेरे लिए
    लिखा आपने ...... बहुत सुन्दर

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  7. इतना शानदार कविता लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है ! बहुत खूब !

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  8. खूबसूरत अहसासों को खूबसूरत शब्द दिएं हैं आपने, बधाइयाँ !!! लिखते रहिए !!!

    http://gunjanugunj.blogspot.com

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  9. बड़ी खुशनुमा कविता है..... अच्छा लगा पढ़कर...
    एक नज़र इधर भी डालें..एक ज्वलंत विषय पे कुछ लिखा है...
    http://mankapakhi.blogspot.com/

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  10. दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
    बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |
    ेअहुत खूब सुन्दर रचना है । पिछली भी 2-3 रचनायें पढी अच्छा लिखते हैं आप बहुत बहुत शुभकामनायें

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  11. अच्छी गज़ल है.गुनगुनाने का मन करने लगा है..

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  12. ajay ji waah...

    Bahaut sundar aur bhaavPurna

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  13. बहुत दिनों बाद कुछ अपनी सी दिल को छू लेने वाली गजल पढने को मिली
    प्यारा ब्लॉग है...आते रहेंगे...

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  14. कमाल का लिखते हैं आप. इसी तरह आगे भी गुदगुदाते रहिये.

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  15. दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
    बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |

    पुराने जख्म हरे कर दिए आपने !

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  16. दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
    बेवफा मुझको कहा जाने लगा है

    सुन्दर!!

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  17. जिंदगी का अब मजा आने लगा है
    bahut badiya...mubarak

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  18. bhaut hi khoobsurat blog ki rachana kar dali hai ajay ji aapne aur kavitayoon ka toh jawab nahin hai ek ke baad ek padne mein maza aa raha hai aisa lag raha hai ki sahi mein gathri hai aap ki gathree isi tharah bhari rahe yeh asha karta hoon.........

    aajay kaul

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  19. कमाल का लिखते हैं आप. इसी तरह आगे भी

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