
विगत दिनों मैं सपरिवार जबलपुर घूमने गया था | हम लोग ३१ अक्टूबर को दोपहर बाद जबलपुर पहुंचे और तुंरत ही भेडाघाट घूमने चले गए | ऊंची ऊंची संगमरमर की चट्टानों के बीच नर्मदा नदी का पानी खूबसूरत

प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरता है | हमने नौकायन का आनंद लिया | नाव पर गाईड द्वारा अपने विशेष अंदाज और तुकबंदी के साथ की गयी कमेंट्री आकर्षक लगी | वहां से हम धुवांधार जल प्रपात देखने गए और रोपवे का
आनंद लिया | प्रकृति की सुन्दरता देर तक निहारने के बाद हम वापस होटल आ गए |बहुत से फिल्मों और
विज्ञापनों की शूटिंग वहां पर होती रही है |
khoob badhiya..aap to Jabalpur bhI ghoom aaye, aur chehare dekhakar to lag hI rahaa hai ki yatra sukhad rahi ...tasveeron ke liye shukriya.
ReplyDeletebadhiya lagi aapaki jabalpur yatra....
ReplyDeleteसचित्र यात्रा वर्णन अच्छा लगा ।
ReplyDeleteऔर कही भी यात्रा करे तो उसके बारे में और अच्छी
ReplyDeleteजानकारी दे | बहुत अच्छी सोच
और कही भी यात्रा करे तो उसके बारे में और अच्छी
ReplyDeleteजानकारी दे | बहुत अच्छी सोच
यात्रा देख कर प्रिय लगा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लगा. जबलपुर् यात्रा आपने अपने परिवार के साथ की हमें यूँ लग रहा है हमने भी कर ली (चित्रों की जीवंतता के कारण)
ReplyDeleteधन्यवाद
तस्वीरें देखकर जाबलपुर की याद हो आई. आशा है जबलपुर आपको पसंद आया होगा. जब गये थे तो एक ब्लॉगर मीट भी कर लेते पूर्व सूचना के साथ. :)
ReplyDeleteभेड़ाघाट की या़त्रा पर नौकासन के दौरान नाव चलानेवालों पर , उनकी जिन्दादिल चुहलों पर ध्यान दिया होगा और आनंद लिया होगा। बधाई।
ReplyDeleteनयनाभिराम चित्र...भेडा घाट के नाम के साथ ही 'जिस देश में गंगा बहती' का दृश्य जिसमें पद्मिनी 'ओ बसंती पवन पागल ना जा रे ना जा रोको कोई...' याद आ जाता है..वो पूरा गीत भेडा घाट की पहाडियों पर ही फिल्माया गया था...
ReplyDeleteनीरज
आपके साथ जबलपुर की यात्रा का सौभाग्य हमको भी मिल गया ... बहूत ही सुन्दर चित्र हैं .. लाजवाब
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अजय जी आपने हमारी याद ताज़ा कर दी. हमने भी जबलपुर की यात्रा राष्ट्रिय नाट्य समारोह के समय गये थे तब हमारे साथ स्व. हबीब तनवीर जी की बेटी और तनवीर जी के साथी कलाकार थे.
ReplyDeleteNice to see the snaps and also knowledge about places.in future also please make a visit of more places in india and place the details in your blog.nice approach to giude .
ReplyDeletergds
alok
बहुत सुन्दर लगा. जबलपुर् यात्रा आपने अपने परिवार के साथ की हमें यूँ लग रहा है हमने भी कर ली
ReplyDeleteसंजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत सुन्दर लगा. जबलपुर् यात्रा आपने अपने परिवार के साथ की हमें यूँ लग रहा है हमने भी कर ली
ReplyDeleteसंजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत खामोश हैं ,क्या फिर कोई तूफ़ान उठने वाला
ReplyDeleteहै ....इन्तजार है ...पिघलते हुए लावे का
आपके बहाने हम भी जबलपुर हो आए, हकीकत में न सही वर्चुअल ही सही। और इसके लिए आपको धन्यवाद तो दिया ही जाना चाहिए।
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और अब दो स्क्रीन वाले लैपटॉप।
एक आसान सी पहेली-बूझ सकें तो बूझें।
वाह अजय जी संगमरमर की वादियो में टहल आये.
ReplyDeleteआप को सीता मढी अवश्य जाना चाहिये था मोंगली की जन्म भूमि
ReplyDeleteअजय जी !
ReplyDeleteआपने तो हमें भी जबलपुर की सैर करवा दी..इतनी बड़ा तस्वीरों के लिए बधाई स्वीकार करें....वैसे यह समझाना कुछ मुश्किल सा है कि आप मूलत: सहायर हैं या फिर फोटोग्राफर....? कुल मिला कर आप में दोनों विधायों कि खूबियन मौजूद हैं..कभी लुधियाना (पंजाब) में आयें तो ज़रूर मिलें.... वर्ड-वेरिफिकेशन हटाने के लिए जो मार्गदर्शन आप ने दिया उसके लिए आभारी हूँ..भविष्य में भी इस रौशनी को बनाये रखना..
संशोधित संदेश : अजय जी आपने तो हमें भी जबलपुर की सैर करवा दी..इतनी बढिया तस्वीरों के लिए बधाई स्वीकार करें....वैसे यह समझना कुछ मुश्किल सा है कि आप मूलत: शायर हैं या फिर फोटोग्राफर....? कुल मिला कर आप में दोनों विधायों की कलाकारी मौजूद है...कभी लुधियाना (पंजाब) में आयें तो ज़रूर मिलें.... वर्ड-वेरिफिकेशन हटाने के लिए जो मार्गदर्शन आप ने दिया उसके लिए आभारी हूँ..भविष्य में भी इस रौशनी को बनाये रखना..हिंदी टाइपिंग में हुयी गल्तीओं के लिए क्षमा चाहता हूँ...
ReplyDeletechachu its a scintillating trip...spesially the location where narmada river is seen in the snap......very natural......
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