रुख पे जुल्फें हैं ये , अंधेरी रात नही ।
घटायें घिर आयीं , फिर भी बरसात नही॥
तुम्हारा साथ नही , इश्क की बात नही ।
चाँदनी रात में भी , दिल के जज्बात नही॥
रुख पे पर्दा भी नही , अदा नजर की वही ।
जख्म हमको न मिले , ऐसे हालात नही ॥
प्यार में हार नही ,प्यार में जीत नही ।
प्यार शतरंज नही ,शह नही मात नही ॥
शब्द होंठों पे नहीं , फूल बालों में नहीं
सिर्फ हम-तुम फिर भी ,कुछ खयालात नहीं ॥
तुम्हारा दिल भी नहीं ,फूल का गुच्छा भी नहीं ।
कुछ तो दे दो मुझको , इक तबस्सुम ही सही ॥
Sunday, November 21, 2010
Friday, November 5, 2010
प्रदूषण मुक्त दीपावली की शुभकामनायें (अजय की गठरी )
मिले प्रतिष्ठा , यश ,सम्रिद्धि
जीवन में खुशहाली हो ।
करे प्रकाशित अंतर्मन को
ऐसी शुभ दीवाली हो ॥
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
अजय कुमार
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