इश्क की बात हम बताते हैं, एक ताजा गज़ल सुनाते हैं ।
उनकी यादों से सजाया है इसे , प्यार से लोग गुनगुनाते हैं ॥
नाज़ है गुल को अपने किस्मत पे
पहले चूमा गया मुहब्बत से ।
अदा के साथ उसको जूड़े में
हाथ महबूब के लगाते हैं ॥
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
बाग में आज देखकर उनको
एक छोटा सा शक हुआ मुझको ।
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
145. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
5 hours ago
59 comments:
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
क्या कहने इस अन्दाज के. बहुत खूब
इश्क की बात भा गई,
सुंदर गीत दिल पे छा गई,
प्रेम की अभिव्यक्ति और खूबसूरत अंदाज,
क्या कहूँ भाई कविता रास आ गई..
धन्यवाद अजय जी
क्या बात है ...
खुशबू और रंग उनसे चुरा रहे है गुल ...
मान गए ,,,,,,,,, कुछ भी हो सकता है ... ...
alag andaaz mein khoobsoorat kavita ,.........
badhai....
Kia baat hai manoj bhai .... ishaq ki kai rang yaad aa gaye..apki kavita pad ke.....sukruia shukria.
kafi acchi kavita
नाज़ है गुल को अपने किस्मत पे
पहले चूमा गया मुहब्बत से ।
अदा के साथ उसको जूड़े में
हाथ महबूब के लगाते हैं ॥
गजल के तीनों चित्र एक से बढ़कर एक हैं!
सत्यं शिवं सुन्दरम्!
जुल्फ से खुशबू और रुखसार से रंग चुराते सुन्दर ग़ज़ल लिख दी ...!!
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
बहुत उम्दा...वाह!! क्या बात है!
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
ग़ज़ल दिल को छू गई।
बेहद पसंद आई।
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
lajawaab. nirala andaaz.
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
ati sundar.
wat a beautifully lines written by you....
the way u expressed ur feelings...awesome....
राहों में न बैठो कि हवा तंग करेगी।
बिछड़े हुए लोगों की सदा तंग करेगी।।
मत टूट के चाहो उसे आगाज़-ए-सफ़र में,
बिछड़़ेगा तो हर एक अदा तंग करेगी।।
बहुत खूब!
जारी रखिए।
Vikas Gupta
vforvictory09@gmail.com
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ...
खूबसूरत अल्जाज़ अजय जी ............ गमों की रात चाँद सितारों में बैठ कर ही बीतती है .......
Beautifully written. I wish I had the same way with words.
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
वाह क्या खूब कही बहुत बहुत बधाई
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
सुन्दर एवं भावपूर्ण !
वाह वाह क्या बात है! बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने ! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!
इतनी सुंदर गज़ल लिखी आप ने ...के आप हक़ दार एक
बोसे के ....कोई है तो मांग लीजिएगा ...
hiiiiiii,
sir really aap dil se likhte hai.
awesome.........
खुशबू और रंग उनसे चुरा रहे है गुल ...
bahut khoob sir.....
गज़ल ताज़ा है लेकिन इस्क की बात तो पुरानी है
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
अजय जी,
बहुत उम्दा गजल है आपकी---।
हेमन्त कुमार
pyar ka makhmali ahsas chupa hai aap ki kavita me bahot badiya
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
प्रेम की इतनी हसीन अभिव्यक्ती ।
बहुत सुंदर ।
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......
nice plz read my blog also www.mdshadab.blogspot.com
Wahwa..kya baat hai..
अजय भाई, पहले तो ब्लॉग सेटिंग्स सुधार बताने के लिए धन्यवाद...इसी बहाने आपके ब्लॉग पर आया..दिल को छूने वाली रचना
अजय जी
प्रेम और याद की बदौलत ही मनुष्य मनुष्य है . बना रहे बस .
बहुत खूब...
बहुत सुंदर रचना
pls visit...
www.dweepanter.blogspot.com
वाह......बहुत खूबसूरत है इश्क की बात
badee hee pyaree rachana hai .
रचना बहुत अच्छी लगी । बहुत बढ़िया। आपके ब्लाग पर आकर मैं कुछ सीखकर ही जाता हूं । धन्यवाद...
umda gajal
पढ़ कर अच्छा लगा
अजय जी, आपने बहुत ही प्यारी गजल कही है।
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ये तो बहुत ही आसान पहेली है?
धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।
बहुत ही अच्छी रचना
बहुत-२ आभार
... अतिसुन्दर !!!
बहुत हसीन, ज़हीन गज़ल है.
प्रिय अजयजी
प्रणाम. वह किताब आउट आॅफ प्रिंट है. मैं कई लाइब्रेरियों में खोजूँगा. अगर मिलेगी तो आज शाम में आपको सूचित करूँगा.
धन्यवाद सहित
मटुक नाथ
फोन-09334149605
खुशी हुई आप मेरे ब्लॉग पर आये और अपनी सहायता दी. धन्यवाद. आपका ब्लॉग भी देखा, अच्छा लगा. अब सम्पर्क बना रहेगा. आपका ई-मेल नहीं मिला सो यहीं अपना मेसेज भेज रहा हूं. कृपया हो सके तो delete कर दीजिएगा.
कृपया हो सके तो अपना ई-मेल बतायें. मेरी एक और समस्या है जिसका निराकरण जरूरी है.
बाग में आज देखकर उनको
एक छोटा सा शक हुआ मुझको ।
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
***********sunder band hai. mere blog per aap aaye shukriya.
प्रेम में लिपटी दिल को छू जाने वाली बहुत सुंदर भाव समेटे हुए अक अच्छी रचना
What a Beautifully lines written by you
thanks
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
आप की रचना लाजवाब ,खूबसूरत ख्याल और अंदाज़ निराला !!!
बहुत अच्छी रचना है।
हमारे ब्लाग में आने के लिये धन्यवाद्।
- हरीश झारिया
"डिस्कवर लाइफ़"
http://harishjhariasblog.blogspot.com/
khoob khoob aur bhaut khoob aap ki kavitayen pad ke apne bachpan aur jawani sab yaad aa jaten hain
रूमानी जज्बों की सुंदर अभिव्यक्ति।
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जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
बेहतरीन रचना है…
दो कदम वो मेरी जानिब आए थे ये सोचकर
दो कदम मै भी चलूंगा यूं सफ़र हो जाएगा
और तूफ़ां में मेरे उल्टे ही प्ड़ते थे कदम
मैं कदम रखता गया यूं फ़ासला बढ़ता गया
- हरीश झारिया
सारे गुल उनके ज़ुल्फ से खुशबू
रंग रुखसार से , चुराते हैं ॥
अच्छा प्रयोग है......
बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में
अजय जी, क्या दृश्य दिखाया है.
यह अंदाज़ तो सबसे जुदा है. बहूत खूब!!
फूल, कलियाँ, खुशबू, हवाएं.....इश्क में बहार की बातें....-सुलभ
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
बहुत खूब !!
क्या करें जिक्र हम , शबे ग़म की
कैसे कटती है रात पूनम की ।
याद के इन हसीन लम्हों में
चाँद तारे ज़मीं पे आते हैं ॥
सुन्दर एवं भावपूर्ण !
आप का गीत गज़ल से इश्क पुराना लगता है
गीत गज़ल तो बातों के कह जाने का इक बहाना लगता है
आप अपनी बातो को यू कह जाते है सरलता से
अब तो बंदा भी आप के लेखनी का दिवाना लगता है
बहुत अच्छा लिखते है आप स्वागत है आपका हमारी तरफ से भी
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