रुख पे जुल्फें हैं ये , अंधेरी रात नही ।
घटायें घिर आयीं , फिर भी बरसात नही॥
तुम्हारा साथ नही , इश्क की बात नही ।
चाँदनी रात में भी , दिल के जज्बात नही॥
रुख पे पर्दा भी नही , अदा नजर की वही ।
जख्म हमको न मिले , ऐसे हालात नही ॥
प्यार में हार नही ,प्यार में जीत नही ।
प्यार शतरंज नही ,शह नही मात नही ॥
शब्द होंठों पे नहीं , फूल बालों में नहीं
सिर्फ हम-तुम फिर भी ,कुछ खयालात नहीं ॥
तुम्हारा दिल भी नहीं ,फूल का गुच्छा भी नहीं ।
कुछ तो दे दो मुझको , इक तबस्सुम ही सही ॥
145. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
22 hours ago
25 comments:
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प्यार कोई शतरंज नहीं...वाह !, उम्दा रचना !
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प्यार में शह मात कैसा
पर अड़ंगा डालता है पैसा
सुन्दर् रचना
उच्च कोटि की रचना...
सुंदर रचना
mere blog par "ek tara"
बढिया रचना है गठरी मे ।
प्यार में हार नही ,प्यार में जीत नही ।
प्यार शतरंज नही ,शह नही मात नही ॥
बहुत खूबसूरत बात ...
कुछ तो दे दो, एक तबस्सुम ही सही...
बहुत अच्छे..
राजेश
अजय जी ख़यालात बड़े ख़ूबसूरत हैं, वाक़ई थोड़ी तरतीब बख़्स देते तो और मज़ा आ जाता!
तुम्हारा दिल भी नहीं ,फूल का गुच्छा भी नहीं ।
कुछ तो दे दो मुझको , इक तबस्सुम ही सही ॥
उम्दा रचना...
bahut hi karine se aapne ehsaas piroye hain
badhai
प्यार में हार नही ,प्यार में जीत नही
प्यार शतरंज नही ,शह नही मात नही ...
बहुत खूब ... सच है प्यार में कैसी हार और कैसी जीत ... इस खेल मिएँ तो हर कोई हारता है और हर कोई जीतता है ... लाजवाब रचना है ...
बेहतरीन ग़ज़ल... सुंदर भावों के साथ
शब्द होंठों पे नहीं , फूल बालों में नहीं
सिर्फ हम-तुम फिर भी ,कुछ खयालात नहीं ॥
वाह-वाह क्या बात है ..शुक्रिया
चलते -चलते पर आपका स्वागत है
प्यार मे हार नही जीत नही---- वाह बहुत खूबसूरत शायरी है। बधाई।
बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई !
sach kahaa aapne Pyar to ek bhawna hai koi Jang ka maidaan nhi
bhut sundar rachna
प्यार शतरंज नही ,शह नही मात नही
बहुत सही ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
गठरी में आने पर सबसे अधिक प्रसन्नता तो स्लाइड शो को देखकर होती है उसके बाद उम्दा रचना सोने पर सुहागा का काम करती है...
बेहतरीन एवं भावपूर्ण रचना के लिए बधाई |
Sundar prastuti ke liye Dhanyavad.Plz visit my blog.
utkristh rachna....aur sach kaha pyari slideshow...
प्यार मे हार नही प्यार मे जीत नही नही
प्यार शतरंज नही शह मात नही।वाह लाजवाब शेर। पूरी गज़ल बहुत अच्छी लगी। बधाई, आशीर्वाद।
पहली बार गठरी पर आया अच्छा लगा , आप की कविताओं की शालीनता ने मन मोह लिया ..
अजय जी
आप की गढ़री बहुत मजबूत है |
पढ़ कर मजा आ गया,|
आप किस चेनल में है
..........चिरागों को रौशनी.....सितारों को पैगाम मिल गए........
...............कलियों ने सर उठाया ...भवरों को नाम मिल गए...
.....घर से निकले थे .....कहने तुझे दिल की बात .......
......... कम्बक्त दर पर तेरे आशिक तमाम मिल गए .......
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