जिंदगी का अब मजा आने लगा है |
देखकर उनको नशा छाने लगा है ||
फिर बहारों से चमन आबाद है ,
बाग़ में शायद कोई आने लगा है |
दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |
रात भर बाँहों में रहते हैं मेरे ,
ख्वाब मेरा ये बिखर जाने लगा है |
नज़र तिरछी ,मुंह में ऊँगली .सर झुकाकर ,
प्यार का इकरार हो जाने लगा है |
जबसे रक्खा है ,जवानी में कदम ,
देखिये पर्दा किया जाने लगा है |
145. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
20 hours ago
23 comments:
जबसे रक्खा है ,जवानी में कदम ,
देखिये पर्दा किया जाने लगा है |
बेहतरीन गज़ल. उम्दा शेर
बहुत खूब
" behatarin ...aapko badhai "
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
जिन्दगी यूँ ही मज़े मज़े में गुजरती काश ...कितना अच्छा होता ...बहुत मजबूरियां हैं जिन्दगी तेरी राहों में ....
bdhiya bhavabhivykti.
उम्दा, लिखते रहिए.... हम भी आते रहेंगे।
उम्दा, लिखते रहिए.... हम भी आते रहेंगे।
उनके लिए ...कुछ यूँ लगा आप ने मेरे लिए
लिखा आपने ...... बहुत सुन्दर
इतना शानदार कविता लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है ! बहुत खूब !
behatareenrachna badhaai.
खूबसूरत अहसासों को खूबसूरत शब्द दिएं हैं आपने, बधाइयाँ !!! लिखते रहिए !!!
http://gunjanugunj.blogspot.com
बड़ी खुशनुमा कविता है..... अच्छा लगा पढ़कर...
एक नज़र इधर भी डालें..एक ज्वलंत विषय पे कुछ लिखा है...
http://mankapakhi.blogspot.com/
waah,kya kahne hain
दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |
ेअहुत खूब सुन्दर रचना है । पिछली भी 2-3 रचनायें पढी अच्छा लिखते हैं आप बहुत बहुत शुभकामनायें
अच्छी गज़ल है.गुनगुनाने का मन करने लगा है..
ajay ji waah...
Bahaut sundar aur bhaavPurna
बहुत दिनों बाद कुछ अपनी सी दिल को छू लेने वाली गजल पढने को मिली
प्यारा ब्लॉग है...आते रहेंगे...
कमाल का लिखते हैं आप. इसी तरह आगे भी गुदगुदाते रहिये.
दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
बेवफा मुझको कहा जाने लगा है |
पुराने जख्म हरे कर दिए आपने !
दूर हूँ , मजबूरियां हैं इसलिए ,
बेवफा मुझको कहा जाने लगा है
सुन्दर!!
जिंदगी का अब मजा आने लगा है
bahut badiya...mubarak
bhaut hi khoobsurat blog ki rachana kar dali hai ajay ji aapne aur kavitayoon ka toh jawab nahin hai ek ke baad ek padne mein maza aa raha hai aisa lag raha hai ki sahi mein gathri hai aap ki gathree isi tharah bhari rahe yeh asha karta hoon.........
aajay kaul
कमाल का लिखते हैं आप. इसी तरह आगे भी
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