२००७ में २४ सितम्बर को भारत ने पाकिस्तान को हरा कर पहला टी२० वर्ड कप अपने नाम किया था। अंतिम ओवर की वो गेंद आज भी मिस्बाह उल हक के सपनों मे जरूर आती होगी ,आज उसकी याद को ताजा करिये ।
कितने तरह का होता है लक
जब ठीक है तो गुड लक.
जब बुरा है तो बैड लक.
लेकिन जब झंड हो तो -मिसबाह उल हक
(पूर्व में सस्ते शेर ब्लाग पर पोस्ट किया जा चुका है ,चित्र गूगल से साभार )
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अजय कुमार (गठरी ब्लाग पर)
सपना, काँच या ज़िन्दगी ...
7 hours ago
28 comments:
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Interestic post !
Good luck to you !
Regards,
Divya
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jab jhand hota hai misbah-ul-hakk.....wow........:)
ye line yaad rahegi........
सही याद दिलाया ।
कमाल का क्षण था वह भी ।
अच्छी याद दिलाई ...
अजय जी आपका मारा हुआ शेर तो बहुत अच्छा था, लेकिन बेचारा मिस्बाह उल हक़ तो गीदड़ बन गया बेचारा!!
बहुत सुंदर पलों की याद दिलाई आपने. शुभकामनाएं.
रामराम.
achha yaad dilaya aapne, .....
मेरे ब्लॉग पर इस बार धर्मवीर भारती की एक रचना...
जरूर आएँ.....
अजयजी, मेरे ब्लॉग "सुराही" पर आकर "अगर दे दो इजाज़त, आपकी ज़ुल्फोंसे खेलेंगे" इस गज़ल पर टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद. वर्ड वेरिफिकेशन मैं इस लिए नहीं हटाता क्योंकी मेरा अनुभव यह है की ऐसा करने पर स्पॅम कमेन्ट्स बहुत ज्यादा आने लगते हैं.
मुश्किल है कि कोई क्रिकेट प्रेमी ये तारीख भूल पाए.. :) आप जिस तरह सस्ते शेर ब्लॉग का नाम लिखना नहीं भूले उसी को आदर्श ब्लोगिंग कहते हैं सर.
ये पल फिर से याद दिलाने का आभार ...!
@ दीपक मशाल जी
अपना ब्लाग शुरू करने के पहले मैं ’सस्ते शेर’ ब्लाग पर लिखा करता था । कुछ दिनों बाद मुझे लगा कि कुछ लोग सस्तेपन पर उतर आये हैं तो मैंने वहां लिखना बंद कर दिया और अपना ब्लाग बना लिया ।ये उसी दौरान लिखा गया था ।
अजय जी,
सच में नहीं भूल सकते वो बॉल. वो कैच और अब ये शेर भी।
चेतन शर्मा -जावेद मियांदाद पर भी कुछ लिखा है क्या?
चाहे कुछ भूल ज्क़ाये मगर ये नही भूलेंगे। बडिया। शुभकामनायें।
बिलकुल सच कहा वोह पल वाकई में भूलने वाला नहीं है शुक्रिया याद दिलाने का .
रोमांचक क्षण था वह ...
वाह! बहुत अच्छा लगा! ख़ूबसूरत पलों की याद दिला दी है आपने !
Welll Nicely written Sahab...I still remember that match...Lol...
उन फ़ारसी के कठिन शेरोन को समझने की नाकाम याबी से बेहतर तो सस्ते शेरोन की वाह है....और निदा तो यहाँ तक कहते हैं....की ...मीरो-ग़ालिब के शेरोन ने किसका दिल बहलाया है....सस्ते शेरों को लिख लिख कर हमने अपना घर बनवाया है...... Peace :)
खूब याद दिलाया पुरानी यादो को धन्यबाद
खूब याद दिलाया पुरानी यादो को धन्यबाद
खूब याद दिलाया पुरानी यादो को धन्यबाद
वाह .. क्या लम्हा था वो ... आज भी आँखों के सामने आता है तो रोमांच आ जाता है ....
वाह क्या मारा है ..
वाह क्या मारा है ..
ye to sach hai ,majedaar post
बढिया ।
appreciable!!! really
plz cm to my blog...n suggest!!!!!
appreciable!!! really
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