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जिसने तेरी ज़ुल्फों , में ये फूल लगाया है।
उसने तुम्हें चाहा है , दिल मेरा जलाया है॥
जी भर के मैंनें चूमा , जो फूल तुमने भेजा।
मैंनें तेरे तोहफे को , सीने से लगाया है॥
हर पूछने वाले से , इतना ही कहुंगा मैं।
मैंनें तुम्हें चाहा है , इस दिल में बसाया है॥
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
वो जिससे उम्र भर , जलते रहे , फरेब किया।
वो शख्स आज अब , मरने पे याद आया है॥
24 comments:
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
वो जिससे उम्र भर , जलते रहे , फरेब किया।वो शख्स आज अब , मरने पे याद आया है॥
वाह शानदार ख्याल प्रस्तुत किया है।
अजय जी!
प्यारी गज़ल है.. आखिर के दो शेर बहार से अलग हो गए हैं.. रूमानियत से भरी यह गज़ल दिल को सुकून देती है!!
खूबसूरत गज़ल
behtreeb gajal
@सलिल जी ( चला बिहारी ब्लॉगर बनने) आपसे सहमत हूं (आखिर के दो शेर बहार से अलग हो गए हैं)।
बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल...
मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है...
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
pasanda aayi
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
प्रेरक विचार के साथ शानदार ग़ज़ल .
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
खूबसूरत गज़ल...
बहुत खूब कहा वो कभी खुशी से पागल नहीं हो सकता जिसने ग़म को गले लगाया है।
बहुत अच्छी रचना।
बहुत बढ़िया सर।
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आपकी एक पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है
बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने! हर एक शेर लाजवाब है!
खूबसूरत ग़ज़ल .
आखिरी शे 'र में कोई पुरानी शिकायत/ अदावत नज़र आ रही है .
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
बहुत खूब कहा है आपने इन पंक्तियों में ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
दराल सर ,कोई अदावत या शिकायत नहीं है
ये तो जमाने का दस्तूर हो गया है कि लोग
ज़िंदा रहने पर जिसे अहमियत नहीं देते ,मरने
पर उसी की झूठी तारीफ करते हैं |
क्या बात
बहुत सुंदर
behtareen gazal.
खूबसूरत गजल. आभार.
सादर,
डोरोथी.
Beautiful ghazal !
बहुत खूब।
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कम्प्यूटर से तेज़...!
सुज्ञ कहे सुविचार के....
प्यार की खुशबू में भीगी एक प्यारी ग़ज़ल।
बहुत बढ़िया।
बहुत खूब अजय जी ... दिल में उतर जाती है आपकी ये गज़ल ... कुछ शेर तो कमाल के बन पड़े हैं ...
खूब....बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है.....
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
bahut khub !
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