इकरार भी होता है ,इंकार भी होता है |
तुम भी लगालो डुबकी ,ये प्यार का गोता है ||
पहले कभी-कभी था ,अब रोज ये होता है
मैं उसको जगाती हूँ ,वो मुंह फेर के सोता है ||
बच्चे से प्यारी बातें ,पत्नी से मुलाकातें
इस दौर में मुहब्बत , वीकेंड में होता है ||
सबकी उड़ा के खिल्ली ,तूने कहकहा लगाया
तुझ पर हंसा जमाना ,तो दर्द क्यों होता है ||
हो के रहेगा गन्दा ,तू बचाए लाख दामन
जब रास्ता गलत हो ,अंजाम ये होता है ||
145. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
21 hours ago
22 comments:
अच्छी रचना !!
रूमानी भावों का सुंदर प्रस्फुटन।
धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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bahut hi sundar likha .......kaisa daur aa gaya hai ........sab kuch hai insaan ke pass sirf waqt nhi hai.
हो के रहेगा गन्दा ,तू बचाए लाख दामन
जब रास्ता गलत हो ,अंजाम ये होता है ||
प्यार की बात करते करते, ज्ञान की बात कह गए. बहुत खूब.
bahut sundar tana bana buna hai shabdon ka aapne........... Pawan parv Deewali ki shubhkamnayen...
blog par upasthiti darz karane ke liye aabhari hoon aapka
बच्चे से प्यारी बातें ,पत्नी से मुलाकातें
इस दौर में मुहब्बत , वीकेंड में होता है ....
सच कहा है ........ काम के बोझ का मारा क्या करे बेचारा .....
bahut khoob, behatareen, deepawali aur dhanteras ki hardik shubhkaamnayen ishwar apke hriday ko adhyatm ke deepak ke prakash se prakashit karen.
बहुत सुन्दर !!!!!!!!!!1
वाह क्या बात है. सुन्दर रचना
सबकी उड़ा के खिल्ली ,तूने कहकहा लगाया
तुझ पर हंसा जमाना ,तो दर्द क्यों होता है ||
क्या खूब कहा आपने। ग़ज़ल में में व्यंग्य के तत्व की मौजूदगी के तेवर पर यथार्थ लेखन।
ांच्छी रचना है । दीपावली की शुभकामनायें
हो के रहेगा गन्दा , तू बचाए लाख दामन
जब रास्ता गलत हो , अंजाम ये होता है ||
सभी शेर भले लगे...
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दीपावली की शुभकामनायें!
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"मैं उसको जगाती हूँ ,वो मुंह फेर के सोता है ||
बच्चे से प्यारी बातें ,पत्नी से मुलाकातें
इस दौर में मुहब्बत , वीकेंड में होता है ||"
आज के दौर के इस आपा-धापी भरी दुनिया का यही कटु सत्य है !
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत सुन्दर.
इकरार भी होता है ,इंकार भी होता है |
तुम भी लगालो डुबकी ,ये प्यार का गोता है ||
क्या बात है, बहुत सुन्दर
Happy Diwali !
बढ़िया रचना..दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
गठरी जी, दीपोत्सव मुबारक ,आप तो मेरे बगल के जिले के हैं ,ज़रा अपना असली मुखडा और नाम तो दिखाईये ताकि हम आपसे परिचित हो सकें
वैसे तुकबंदी अच्छी की है आपने ,सच्चाई को छूती हुई
मेरे ब्लॉग पर आने और मेरा हौसला बढ़ाने के लिए आप लोगों का शुक्रिया | उम्मीद है आगे भी आप लोग मेरा हौसला अफजाई करते रहेंगे | अलका जी मेरा मुखडा वही है जो फोटो में है, एकदम असली और मेरा नाम अजय है ,
लेकिन नाम में क्या है
वाह अजय जी वाह बातें बनाना तो कोई आप से सीखे
...is daur mein muhabbat weekend mein hota hai...
achchi rachna hai.
vबहुत सुन्दर बात कही आप ने ,हार्दिक शुभ कामना
आदरणीय पाबला जी सूचित करने के लिए धन्यवाद
तथा ब्लाग जगत के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूँ
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