आँखों को कमल ,ज़ुल्फ़ को नागिन या लता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है , क्या बात बता लिख दूं ?
कहने को हजारों हैं .बातें तो मुहब्बत में ।
कैसे करूं शुरू मैं ,क्या लिखना है इस खत में॥
वो बात सोचता हूं ,बेचैन सी हालत में ।
अब दूर से न इतना , तूं प्यार जता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है , क्या बात बता लिख दूं ?
मेरा तो इस जहां में , कोई नहीं ठिकाना ।
कब तक कहां रहुंगा , मुश्किल है बता पाना ॥
कपड़े की तरह मैनें ,बदला है आशियाना ।
किस गली ,किस शहर का ,किस घर का पता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
वो दिन नही हूं भूला , जब हां कहा था तुमने ।
हमने सजा लिये थे , ना जाने क्या क्या सपने ॥
जो बीच में खड़े थे ,वो थे हमारे अपने ।
किसको बनाऊं मुजरिम , है किसकी खता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है , क्या बात बता लिख दूं ?
कहने को हजारों हैं .बातें तो मुहब्बत में ।
कैसे करूं शुरू मैं ,क्या लिखना है इस खत में॥
वो बात सोचता हूं ,बेचैन सी हालत में ।
अब दूर से न इतना , तूं प्यार जता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है , क्या बात बता लिख दूं ?
मेरा तो इस जहां में , कोई नहीं ठिकाना ।
कब तक कहां रहुंगा , मुश्किल है बता पाना ॥
कपड़े की तरह मैनें ,बदला है आशियाना ।
किस गली ,किस शहर का ,किस घर का पता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
वो दिन नही हूं भूला , जब हां कहा था तुमने ।
हमने सजा लिये थे , ना जाने क्या क्या सपने ॥
जो बीच में खड़े थे ,वो थे हमारे अपने ।
किसको बनाऊं मुजरिम , है किसकी खता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
34 comments:
वाह ...बहुत ही खूबसूरत भावमय करते शब्द ...बधाई इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये ।
कपड़ों की तरह मैंने बदले हैं आशियाने ,
किस गली,किस शहर ,किस घर का पता लिख दूँ ?......................
आज बहुत दिनों बाद गठरी खोली तो पाया की इसमें तो एक बहुत सुंदर रचना पड़ी है,
सुंदर प्रस्तुति......................
बहुत खूब, बहुत सुन्दर रचना ! ख्वाबो में सताती हो,,,,को सपनो में सताती हो, कर दें तो अति उत्तम क्योंकि ख्वाब तो इंसान जगकर ही बुनता है
बेहद ही खुबसुरत भाव भरे हैं आपने अपनी कविता में। सुंदर रचना। आभार।
कपड़ों की तरह बदले है घर मैंने .........क्या बात है इसे कहते है जज्बात , बहुत खूब, मुबारक हो
bhavmaye karte sabd
bahut sunder abhivaykti
.
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना..भावों में अपने साथ बहा ले जाती है..
बहुत कुछ तो लिख दिया ...अभी भी बाकी है बहुत कुछ ...सुन्दर अभिव्यक्ति
यह भी एकतरीका है कि सब कुछ कह दिया और कहा कि बहुत कुछ है कहने को!! वैसे कुछ अनकहा रहना भी चाहिये...
वाह जी..बहुत खूब....और बता क्या लिख दूँ. :)
बहुत सुन्दर रचना .'बहुत कुछ' और लिखेंगे आप आगे तो !
मेरा तो इस जहां में , कोई नहीं ठिकाना ।
कब तक कहां रहुंगा , मुश्किल है बता पाना ॥
कपड़े की तरह मैनें ,बदला है आशियाना ।
किस गली ,किस शहर का ,किस घर का पता लिख दूं ?
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
गहरे भाव अभिव्यक्त कराती हुई रचना -स्लाइड शो भी बहुत सुंदर है -
सुंदर पोस्ट के लिए बधाई.-
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
iss khubsurat jajbaat ke liye badhai:)
वाह बेहद भावभरी रसमयी कविता मन को भा गयी।
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
बहुत खूब ... अजय जी मज़ा आ गया ... प्रेम हो तो ऐसे शब्द अपने आप निकल आते हैं ...
लाजवाब रचना है ...
बहुत ही खुबसुरत प्रस्तुति......
प्रिय अजय कुमार जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
क्या बात है जनाब ! बहुत प्यारा गीत लिखा आपने …
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
पूरा गीत पसंद आया , बहुत बहुत बधाई ! आपके अन्य गीत भी पुरानी पोस्ट्स में देखने पड़ेंगे । पुनः बधाई और आभार !
सप्ताह भर पहले प्रणय दिवस था … बसंत ॠतु अभी बहुत शेष है ।
मंगलकामना के अवसर तो हैं न … ?
♥ प्रणय दिवस की मंगलकामनाएं !♥
♥ प्यारो न्यारो ये बसंत है !♥
बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
bahoot sundar likha hai aap ne
कोमल भाव लिए बेहतरीन रचना...... सुंदर
बस बस साहब ...अब मत कुछ लिखिए....अब हम लिखेंगे टिप्पणी....बहुत भावपूर्ण कविता लगी...
.
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं..
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?....
जब कोई लिखने बैठता है तो साथ बिताया हुआ हर लम्हा आकर ये जिद करने लगता है , मुझे भी लिखो ...मुझे भी लिखो ..... मस्तिष्क में हल पल उमड़-घुमड़ कर आते हुए ख्यालों कों शब्दों में उतार पाना भी एक कला है ।
इस शानदार रचना के लिए बधाई स्वीकार करें ।
.
लिखना तो बहुत कुछ है , क्या बात बता लिख दूं ?
बहुत अच्छी लगी आपकी ये रचना ! धन्यवाद
लिखना तो बहुत कुछ है बता क्या लिख दूँ/ चलो अभी तो इस सुन्दर रचना के लिये बहुत बहुत बधाई लिख देती हूँ। आपकी गठरी मे बहुत कुछ है लिखने के लिये लिखते रहिये। शुभकामनायें।
बढ़िया रचना लगी,बधाई
नारी स्वतंत्रता के मायने
इन सुन्दर पंक्ितयों को सब में बांटने के लिये, धन्यवाद।
जब नींद नहीं आये , यादों में समाती हो ।
कुछ पल जो नींद आये ,ख्वाबों में सताती हो ॥
मेरी जिंदगी में कैसे हालात बनाती हो ?
आ आ के खयालो में ,ऐसे ही सता लिख दूं ॥
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
गीत में भावों के फूल खिल उठे हैं।
इन भावपुष्पों की सुरभि चहुं ओर विसरित हो।
bahut sunder bhav....aapki yadon ki gathari me..
क्या बात है पूछते भी रहे और लिख भी दिया....
बहुत खूब
khubsoorat nazm.badhayi
Recent Visitors और You might also like यानी linkwithin ये दो विजेट अपने ब्लाग पर लगाने के लिये इसी टिप्पणी के प्रोफ़ायल द्वारा "blogger problem " ब्लाग पर जाकर " आपके ब्लाग के लिये दो बेहद महत्वपूर्ण विजेट " लेख Monday, 7 March 2011 को प्रकाशित देखें । आने ब्लाग को सजाने के लिये अन्य कोई जानकारी । या कोई अन्य समस्या आपको है । तो "blogger problem " पर टिप्पणी द्वारा बतायें । धन्यवाद । happy bloging and happy blogger
प्यार के अहसास में डूबी खूबसूरत अभिव्यक्ति !
कपड़ों की तरह मैंने बदले हैं आशियाने ,
किस गली,किस शहर,किस घर का पता लिख दूँ?.
बेहतरीन भावपूर्ण रचना के लिए बधाई।
स्लाइड शो भी बहुत खूबसूरत है...
आपको सपरिवार होली पर अग्रिम वासन्ती शुभकामनायें..
बहुत सुन्दर ! उम्दा प्रस्तुती!
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
लिखना तो बहुत कुछ है ,क्या बात बता लिख दूं ?
बेहतरीन,बहुत सुंदर रचना पड़ी है
http://shayaridays.blogspot.com
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