मेरे सामने था प्याला ,और आँख में नमी थी |
मेरी जिंदगी में शायद ,तेरे प्यार की कमी थी ||
मेरे जुल्फ बिखरे बिखरे ,मेरे पांव डगमगाते |
मैं जहाँ भटक रहा था ,वो तुम्हारी ही गली थी||
मुझे दर्द-ए-दिल दिया है ,तूने रास्ता बदलकर |
तेरा प्यार तेरी चाहत ,मेरे साथ दिल्लगी थी ||
वो ग़ज़ल से अच्छी बातें ,और गीत जैसा चेहरा |
कोई शेर क्या कहेगा ,वो खुद ही शायरी थी ||
145. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
17 hours ago
49 comments:
बहुत ही अच्छा लिखा है बधाई ।
वाह!! अजय जी।बहुत बढिया गजल है।बधाई।
अजय जी ...........
कमाल की ग़ज़ल है ........ख़ास कर ग़ज़ल का आगाज़ लाजवाब है .......
एक सुन्दर रचना!
बढ़िया गज़ल है जी।
गुनगुनाते हुए मजा आ रहा है।
bahut khoob
खूब गा रहें है, अच्छा बजा रहें है.
देख्नना है आगे क्या- क्या सुना रहें है.
बहुत खूब !
वैसे बुरा न माने तो एक सजेसन दूंगा कि गजल या नज्म लिखे तो जो सुरुआती आख़िरी अहब्द ले आप पकड़ कर चल रहे है उसी में अपनी गजल को समाने की कोशिश करे, उससे गजल ज्यादा प्रभावी और सुनने में सुन्दर लगते है जैसे आपकी इस रचना के सुरु की दो लेने कमी और नमी पर ख़त्म हुई, उसी तरह अगर आगे के चंदो में भी "जमी', 'थमी' 'लाजमी' जैसे सब्द प्रयोग होते तो रचना और भी प्रभावी लगती ! खैर, मुझे बड-बड करने की पुरानी बीमारी है, बुरा लगे तो क्षमा करना !
आदरणीय गोदियाल जी, आपने अपनेपन के साथ एक सुझाव दिया , अच्छा लगा | मुझे लगा की लय ठीक है तो लिख दिया था |भविष्य में ध्यान रखूँगा
vah ji
bahut achha pryog shayri ka andaj achha lga .
कहीं इश्क हो गया ........?बहुत उम्दा ख्याल बहुत
खुबसूरत है ........दिल जलता है तो जलने दे ...
रख मत होने देना ...
वाह वाह क्या बात है! बहुत सुंदर रचना लिखा है आपने!
sundar bhaav aur abhivyakti
wo gazal..........shayri thi.
'
wah. bahut khoob.
बहुत लाजवाब रचना.
रामराम.
gazal jaisee baate or geet jaisa chehra....chehre jaisee gazal...
Ajay Ji Shaandar.. Achcha Blog hai
वाह वाह!! बहुत सही..मजा आया.
मेरे जुल्फ बिखरे बिखरे ,मेरे पांव डगमगाते |
मैं जहाँ भटक रहा था ,वो तुम्हारी ही गली थी||
wow !!
kabhi ek she'r likha tha....
"Baal hai bikre hue,Chehra shikan aalod hai..."
uski phir yaad taaza ho aie...
"वो ग़ज़ल से अच्छी बातें ,और गीत जैसा चेहरा |
कोई शेर क्या कहेगा ,वो खुद ही शायरी थी ||
"
ye baat to aapke liye bhi laago hoti hai...
pehli baar aapke blog main aaiya aur accha laga !!
खुबसूरत लगे यह एहसास ..शुक्रिया
बहुत ही आला तरीन अंदाज़ है। इतनी अच्छी लाइनें शाया करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
Wah ! Koyi sher kya kahega, wo khud shayaree thee..."
Nape tule alfaaz lekin gazab ravaani!
वो ग़ज़ल से अच्छी बातें ,और गीत जैसा चेहरा |
कोई शेर क्या कहेगा ,वो खुद ही शायरी थी ||
अच्छी उपमाएं. सुन्दर रचना.
बहुत सुन्दर !!!!!!!
वाह अजय जी, आग अभी बाकी है
वाह अजय जी, आग अभी बाकी है
Bahut khoobsoorat bhavon ke sath behad umda rachna ban padi hai Ajay sir, aap nishchay hi badhai ke patra hain....
jai Hind
सुन्दर है.
बहुत ही अच्छा लिखा है बधाई ।
मेरे जुल्फ बिखरे बिखरे ,मेरे पांव डगमगाते |
मैं जहाँ भटक रहा था ,वो तुम्हारी ही गली थी||
लाजवाब बहुत सुन्दर रcचना है शुभकामनायें
प्यार का खूबसूरत फलसफा
thanx ajay ji for visting n gve suggesn
mere reading list me blog nahi hai
bt i lik reading
अच्छा लगा आपकी लेखनी पढ़्कर.
अरे वाह, अपने दिल की बात क्या इतने सलीके से और प्रभावी ढंग से भी कही जा सकती है? गजब किया है आपने। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
सुंदर रचना..... निरन्तरता बनाए रखें...
मन के भावों को आपने बहुत ही सुंदर ढंग से बयां किया है। एकदम पानी की सी रवानी है।
बधाई।
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स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाती तकनीक।
चार्वाक: जिसे धर्मराज के सामने पीट-पीट कर मार डाला गया।
bahut hi achchha gajal hai.
badhai...
koi sher .........
...... bahut khoob !!!!
सुन्दर गजल पढ़वाने के लिए आभार!
ajai ji mere khayal se ab woh din door nahin jab aap ko kisi sangeetkar ka phone aaye ga ki bhai hamari film ke liye gana likhye aur film ke title pe likha hoga lyrics by ajai kumar........
ajai ji woh din lagta hai ki ab door nahin hai jab koi producer ya sangeetkar aap ko phone kar ke kahega ki bhai mere film ke gane aap likhye aur film ke titles pe aap ka naam lyrics by ajai kumar likha aayega..........bhaut hi sunder kavitayen hain
वो गज़ल से अच्छी बातें और गीत जैसा चेहेरा,
क्या बात है, बहुत खूब ।
बढिया है लिखते रहिये ।
वो ग़ज़ल से अच्छी बातें ,और गीत जैसा चेहरा |
कोई शेर क्या कहेगा ,वो खुद ही शायरी थी ||
अजय जी बहुत खूब कहा और हमें भी अपनी गली में भटकने को मजबूर कर दिया है बधाई
मेरे ब्लॉग पर आने और ख़ूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया
रचना
बहुत ही अच्छा लिखा है बधाई ।
अजय जी बहुत ही अच्छी ग़ज़ल है बधाई हो आपको .......
सुन्दर गजल पढ़वाने के लिए आभार
i am a regular visitor of ur blog section....and the way u have written this..simply superb..
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