कई दिनों से तमन्ना थी कि आज कुछ जरूर लिखूं ,आखिर मेरे जैसे अदने ब्लागर ने ब्लाग जगत में
एक वर्ष पूर्ण कर लिया है । बहुत ही अच्छा सफर है अभी तक का ,आगे भी जारी रखने का इरादा है। वैसे ब्लाग बनाने का आइडिया भी सफर के दौरान ही आया । हुआ यूं कि हमारा आफिस शिफ्ट हो गया था ,और हम लोग रोजाना करीब ३०-३५ कि.मी. की दूरी स्टाफ बस में तय करते थे । मुंबई के ट्रैफिक में यह दूरी करीब २ घंटे में पूरी होती थी । इस तरह हम आते जाते ४ घंटे का सफर आपसी बातचीत ,बहस या फिर तुक बंदी की आदान प्रदान से पूरी करते थे । कभी एसी की हवा भाई तो सो भी लेते थे ,या कोई फिल्म भी देखते थे।
ऐसे ही बातचीत के दौरान
विमल वर्मा जी (ठुमरी) ने मुझे ब्लाग लिखने के लिये प्रेरित किया ,और मैं ब्लागर बन गया ।यदा कदा उन्हें तंग करके मदद लेता रहता हूं ।
इस एक साल में कछुआ चाल से सिर्फ
३८ पोस्ट लिख सका हूं ।बहुत से मित्र ,मार्गदर्शक मिल चुके हैं । सबसे पहली नसीहत
समीर जी (उड़न तश्तरी) से मिली वर्ड वेरीफिकेशन हटाने की ,तुरंत अमल किया । ऐसे ही कई बार लोगों ने ब्लाग को सुंदर बनाने में सहयोग दिया ,अपनी टिप्पणियों से मुझे प्रेरित किया ,सभी का आभार ।
जब भी नये ब्लाग खुलने की सूचना प्राप्त होती है ,देर सवेर उनका स्वागत अवश्य करता हूं । आप सब से अनुरोध है कि आप लोग भी नये ब्लागरों का उत्साह अवश्य बढ़ायें ।आफिस और परिवार की जिम्मेदारी के बाद बचा वक्त ब्लाग के लिये कम होता है ,शायद इसीलिये मेरे पोस्ट बहुत कम हैं । आप सब से निवेदन है कि अपना स्नेह ,मार्गदर्शन और शुभकामना देते रहें ।