भाई चारे और आपसी सौहार्द का पवित्र त्योहार रमजान ईद तथा सुहागिन नारियों का मंगल दिन हरितालिका तीज आज ही है ।सभी को शुभकामनायें ।
(१)
खुशहाली हो सभी घरों में
दुख अब रहे न शेष ।
दुष्ट और भ्रष्टाचारी का
अंत करो हे गणेश ॥
विघ्नहर्ता की जय
(२)
मिलते हैं गले सबसे
बाहें पसार के ।
करते हैं दुआ अमन की
परवर दिगार से ॥
ईद मुबारक हो
(३)
प्यारा हो दाम्पत्य सभी का
सबके घर खुशहाल रहें ।
साथ सजन का कभी न छूटे
प्रेम से मालामाल रहें ॥
हरितालिका तीज पर मंगलकामनायें
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गठरी पर अजय कुमार
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27 comments:
अजय जी...कमाल का पिरोए हैं आप तीन त्यौहारों को तीन कविता में... आपको भी शुभकामनाएँ!!
गणेश चतुर्थी और ईद की बधाई और शुभकामनाये...
आहाहा .......ये तो संगम हो गया ..हम डुबकी लगा के जा रहे हैं , आपको भी बहुत बहुत बधाई हो
गणपति बाप्पा मोरया ...
गणेश चतुर्थी शुभकामनाये...
नमस्कार और साथ मे धन्यवाद,गणेश चतुर्थी, तीज और ईद की बधाई. आपके रचनाओ को पढ कर दिल को चैन आया.
bahut sunder bhaav.
ganesh chaturthi ki shubhkaamnayen.
तीनों त्योहारों पर खूबसूरती से लिखा है ..बहुत सुन्दर
अजय भाई भुत खूब हैजान आपने इस संगम पर जो अनूठा कार्यक्रम बनाया हे वोह bhut खूब और काबिले तारीफ़ हे बेहतरीन प्रदर्शन के लियें थे दिल से बधाई ईद और गणेश चतुर्थी पर हार्दिक बधाई , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
ईद , गणेश चतुर्थी और तीज --भई क्या बात है । आज तो मालामाल हो गए । तीनों की मुबारकवाद कबूल करें।
अजय जी कमाल है। बहुत अच्छा संगम है यहां पर!
आपको और आपके परिवार को तीज, गणेश चतुर्थी और ईद की हार्दिक शुभकामनाएं!
फ़ुरसत से फ़ुरसत में … अमृता प्रीतम जी की आत्मकथा, “मनोज” पर, मनोज कुमार की प्रस्तुति पढिए!
आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !
बहुत सुन्दर !
bahut sundar ... aaj teeno tyohaar aik hee din they......apne bhaichaare ke .. aapko bhi in sundar kavitao ke liye dhanyvaad aur mangalkaamnaye...
आपकी कविता में ये संगम देख कर बहुत अच्च्ह लगा
आपको ईद मुबारक और तीज की हार्दिक बधाई
आपको भी शुभकामनाएँ.....
तीनों त्योहारों कमाल का पिरोए हैं..... बहुत अच्छा संगम..... बधाई
तीन त्योहारों की कवितामयी बधाई अति सुन्दर है
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें
Bahut sundar kahaa Ajay ji. Samyaabhaav ke kaaran aaj bahut dino baad aanaa huaa aapke blog par.
वाह अजय जी, वाकई इस गठरी में सबके लिये कुछ न कुछ है।
बहुत अच्छी पोस्ट।
ये तो आपने एस.एम.एस. मटेरियल तैयार कर दिया सर.. बढ़िया.. :)
वन्दे मातरम तीनों त्योहारों को एक माला में अच्छी तरह पिरोया है, आपका यह प्रयास अनुकर्णीय है, मेरी ओर से आपको सपरिवार तीनों त्योहारों को बधाई, शुभकामनायें एवं मुबारकबाद प्रेषित है, स्वीकार करें ...........!!
तीनों त्योहारों को माला में पिरो दिया है आपने अजय जी ... बहुत लाजवाब
आपको तीनों की बहुत बहुत मंगलकांनाएँ ....
aapko bhi sabhi parvo ki badhaiyaan .
Miya-Bibi-Bachcha
Kavita ka bhaw Achcha.
त्यौहार हमारी सांस्कृतिक एकजुटता की कड़ी रहे हैं। स्वरूप भले बदलता रहे मगर मूलभाव यथावत् रहना चाहिए।
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति...
वाह, तीनों पर्वों के लिये बहुत सुंदर चोपाइयाँ । आपको भी बहुत शुभ कामनाएँ ।
ajai ji man karta hai ki aapki gathree chura lun lekin nahi kyunki aisa karne per itne achhi achhi kavitayen kahan padhne ko milengi bhai bahut khub eid aur ganesh chaturthi ki dher saari shubhkaamnayen
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