सुन लो हे प्राणप्रिये , मिलने जब आउंगा ।
सारी रात पूनम की , जाग कर बिताउंगा ॥
रास्ते में चलते चलते , लोग ठहर जायेंगे ।
और सारे भौंरे भी राह भूल जायेंगे ।
खुशबुएं लुटाउंगा , बाग इक बनाउंगा ।
तेरी जुल्फ फूलों से , इस तरह सजाउंगा ॥
कर के मुझे मदहोश , जब झुमाना चाहोगी ।
मुझको जाम प्याले से , जब पिलाना चाहोगी ।
मैं उसे हटा दुंगा , कुछ करीब आउंगा ।
अधरों से अधरों को , एक में मिलाउंगा ॥
बादलों के पीछे से , चाँद कैसे निकला था ।
ये अंधेरा रोशनी में , धीरे धीरे बदला था ।
लोगों को बताउंगा , करके मैं दिखा दुंगा ।
तेरे रुख से घूंघट को , धीरे से उठाउंगा ॥
76. बच्चों की पढ़ाई
11 hours ago