जब कोई चिड़िया गाती है . मुझको नींद नहीं आती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
दिन भर कुछ करती रहती है , सुबह सुबह तूं उठ जाती है ।
माँ तूं कब सोने जाती है ?
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
जब बच्चे ऊधम करते हैं , बाबूजी गुस्सा करते हैं ।
बनकर ढ़ाल चली आती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
प्यार से खाना हमें खिलाये , दाल या सब्जी जो बच जाये ।
वही चपाती से खाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
धरा है तूं धारण करती है , स्रिष्टि का तूं कारण बनती है ।
दर्द ,स्नेह से सह जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
सबसे सुरक्षित माँ का आँचल , माँ सारे प्रश्नों का है हल ।
जीवन पाठ पढ़ा जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
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संसार की समस्त माताओं को समर्पित
76. बच्चों की पढ़ाई
13 hours ago
53 comments:
karen maa ka samman
tabhi hoga asli mother's-day
दिल को छू जाने वाली कविता
धरा है तूं धारण करती है , स्रिष्टि का तूं कारण बनती है ।
दर्द ,स्नेह से सह जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
सबसे सुरक्षित माँ का आँचल , माँ सारे प्रश्नों का है हल ।
जीवन पाठ पढ़ा जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
सम्पूर्ण रचना सुन्दर ......अंतिम पंक्तिया लाजवाब ......अच्छी पोस्ट ...दुनिया की हर माँ कोई मेरा शत-शत नमन
http://athaah.blogspot.com/
maa ke pyar se bhare is man ko salaam . dil ko chuu jane wali kavita.
badhai bhai bahut din hue tumhe dekhe.
धरा है तूं धारण करती है , स्रिष्टि का तूं कारण बनती है ।
दर्द ,स्नेह से सह जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
बहुत सुन्दर और सटीक भाव....अच्छी रचना
बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! मात्री दिवस पर उम्दा प्रस्तुती!
मेरे ब्लॉग पर आने का बहुत-बहुत शुक्रिया ... सुंदर एवं भावपूर्ण कविता
जब कोई चिड़िया गाती है . मुझको नींद नहीं आती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
बहुत खूब , मनभावन याद मां की ।
मां को नमन!
दिन भर कुछ करती रहती है , सुबह सुबह तूं उठ जाती है ।
माँ तूं कब सोने जाती है ?
कितना सरल है यह प्रश्न ... शायद बच्चा जब सोता है तो माँ की नींद भी पूरी हो जाती है
सबसे सुरक्षित माँ का आँचल , माँ सारे प्रश्नों का है हल ।
जीवन पाठ पढ़ा जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है ..
वाह बहुत ही भाव पूर्ण ... माँ की महिमा अपरंपार है .... सुंदर रचना ... आज का दिन सार्थक करती ...
बहुत सुंदर !
मातृ दिवस के अवसर पर आप को हार्दिक शुभकामनायें और मेरी ओर से दुनिया की सभी माताओं को सादर प्रणाम |
आप मेरे ब्लॉग पर आये तथा टिपण्णी किये इसके लिए धन्यवाद !
happy mothers day .nice lines"जब बच्चे ऊधम करते हैं , बाबूजी गुस्सा करते हैं ।
बनकर ढ़ाल चली आती है .
rgds
alok Shalini
मातृ दिवस के अवसर पर आप को हार्दिक शुभकामनायें :)
मदर्स डे के शुभ अवसर पर ...... टाइम मशीन से यात्रा करने के लिए.... इस लिंक पर जाएँ :
http://my2010ideas.blogspot.com/2010/05/blog-post.html
आपका लेखन बहुत प्रभावशाली है |माँ की कोइ बराबरी नहीं कर सकता |सुंदर भाव लिए रचना |
आशा
धरा है तूं धारण करती है , स्रिष्टि का तूं कारण बनती है । maan ko samarpit ek sundre rachna ke liye badhai.......
माँ सारे प्रश्नों का है हल ... इसके आलावा माँ का बखान और क्या किया जा सकता है .... उम्दा पंक्तियाँ ..........बधाई
मेरे ब्लॉग पर तसरीफ लाये , धन्यवाद . आपके ब्लॉग पर पकली बार आया हूँ अच्छा लगा .
http://madhavrai.blogspot.com/
bahut badhiya kavitayen..aur gajlen hain aapki...badhaai.....
yun hi likhte rahiye
मां तू याद आती है...
मां ही तो है, जो जीवन की धूप में छाया बन कर आती है... अजय जी यह तो सच है मगर इन दिनों जब देखता हूँ तो मॉं की याद ज्यादा ही आती है । पता नहीं मेरी उस मां को मेरी फिक्र ज्यादा थी या आजकल मांओं को बच्चों की फिक्र कम है, या फिर हमारी नजरों से रंग खो गये हैं। पता नहीं सच क्या है मगर मां बहुत याद आती है।
अति प्रशंसनीय ।
भाई,
आंखे नम हो गयी, अम्मा फ़िर से बहुत याद आने लगी...
आपकी भावनाओं को नमन करता हूँ।
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कौन हो सकता है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?
माँ की बात हो और दिल को छू ना जाये ऐसा कभी हो सकता नही । प्यारी सी कविता, मां की जबरदस्त याद दिलाने वाली ।
maa...
ek aisa shabd jo anjaane mein hi kahin door kheech le jata hai....
bahut achhi rachna....
yun hi likhte rahein...
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mere blog mein is baar...
जाने क्यूँ उदास है मन....
jaroora aayein
regards
http://i555.blogspot.com/
धन्यवाद, आप ने माँ शब्द को अपने मन के भाव दिए.. इसलिए भी कि आप मेरे ब्लाग पर आये.
बहुत सुन्दर मनोभाव हैं ....आभार
shandaar bahut achchhee kavita hai..
..प्रभावशाली व प्रसंशनीय रचना !!!
Der se aaya par durust aaya...
Bhavbheeni aur atulya hai aapki rachna....
Badhai sweekar karein!
Ek vandan mera bhi...
मेरा जीवन मेरी साँसे,
ये तेरा एक उपकार है माँ!
तेरे अरमानों की पलकों में,
मेरा हर सपना साकार है माँ!
तेरी छाया मेरा सरमाया,
तेरे बिन ये जग अस्वीकार है माँ!
मैं छू लूं बुलंदी को चाहे,
तू ही तो मेरा आधार है माँ!
तेरा बिम्ब है मेरी सीरत में,
तूने ही दिए विचार हैं माँ!
तू ही है भगवान मेरा,
तुझसे ही ये संसार है माँ!
सूरज को दिखाता दीपक हूँ,
फिर भी तेरा आभार है माँ!
प्यार से खाना हमें खिलाये , दाल या सब्जी जो बच जाये ।
वही चपाती से खाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
...माँ के ममतामयी प्रस्तुति के लिए आभार
Ajay ji ...such me dil ko chhu lene baali kavita hai. 'Maa' ke baare me hum jitna likhe utna hi kam hai. phir bhi aapne bahut kuch likh diyaa.
ये कविता सच में हृदयस्पर्शी है| इस कविता को देखकर मुझे मेरी ma'am की सिखाई हुई ४ पंक्तियाँ याद आ गयी-
"माता का अंचल सुख-सागर
करुना छलकाती रस गागर
त्रिलोक न्योछावर जननी पर
अन्य नहीं श्रेष्टतर जगती पर|"
congratulations again for writing such a beautiful poem
नयी शैली की ये कविता एक अलग ही छप छोड़ गई अजय सर..
अच्छा लगा अजय जी. " माँ " .... मुनव्वर राणा लिखते हैं.... लबों पे उस के कभी बद-दुआ नहीं होती.बस एक माँ है जो मुझ से खफ़ा नहीं होती....शुभकामनाएँ.
aadmi ek din sabko bhool jata hai,
keval maa hi yaad rhti hai.. kyonki maa to maa hoti hai...
दिल के सुंदर एहसास
हमेशा की तरह आपकी रचना जानदार और शानदार है।
hridaysparshi hai aapki ye rachan..
ek bahut achchhi rachan ke liye badhaiya.
maa ka rishta, rishton ko pribhashit karata hai. shraddha shabdon ki mohtaj nahin hoti hai.
मैं आपके ब्लॉग पर आया . आपकी सभी पोस्ट स्वाभाविक व सुन्दर है . माँ को समर्पित यह कविता दिल को छूने वाली है ....आपका मेरे ब्लॉग पर पधारने के लिए शुक्रिया !
umda kavita!!!
maa tujhe salaam....
बहुत ही हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ हैं....
संसार की समस्त माताओं को मेरा शत शत नमन
इस पार माँ के क़दमों तले,
उस पार की जन्नत रहती है |
उस पार की जन्नत पाने को ,
इस पार की जन्नत पाना है ||
डॉ. ग़ुलाम मुर्तजा शरीफ
अमेरिका
man ko choonewali sunder rachna.
अति सुन्दर कविता है
आप हमारे चिट्ठै पर पधार कर अपने विचार डालकर हमें अनुगृहित करें।
हो सके तो फॉलोवर बने
www.sbhamboo.blogspot.com
www.saayaorg.blogspot.com
सबसे सुरक्षित माँ का आँचल , माँ सारे प्रश्नों का है हल ।
जीवन पाठ पढ़ा जाती है ।
तेरी लोरी याद आती है , माँ तूं मुझको याद आती है ॥
सम्पूर्ण रचना सुन्दर ......अंतिम पंक्तिया लाजवाब
bahot hi pyari rachana hai,
sahi ham sabhi maa ke bahot bahot aabhari hai
beshak aap ne maa ki nafasat ko behtreen lafzo me baya kiya hai
नमस्कार, आपके टिपण्णी के बाद भी मैं अन्य ब्लोगों को ज्यादा देख नहीं पाया हूँ/पाता हूँ, इसके लिए अत्यंत खेद है. अपितु इस बेबसी कि चर्चा मैंने अपनी टिपण्णी में कि थी, अगर आपका ध्यान गया हो..परन्तु मैं यह भी मानता हूँ कि कहीं ना कहीं यह अपने मन को समझाने कि युक्ति है, दोषी मैं हूँ...
अब इस से बाहर निकलते हुए कहना चाहूँगा कि एक सुन्दर एवं मार्मिक रचना है, आज हमें इन विचारों को इस पीढ़ी में फ़ैलाने कि जरूरत है जहाँ लोग अपने माँ-बाप से दूर होते जा रहे हैं. एक सुन्दर प्रयास.....
"माँ" पर "मुनव्वर राणा" कि बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं, अगर नहीं पढ़ा हो तो समय मिलने पर अवश्य पढ़ें...
"मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू,
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना "
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