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जिसने तेरी ज़ुल्फों , में ये फूल लगाया है।
उसने तुम्हें चाहा है , दिल मेरा जलाया है॥
जी भर के मैंनें चूमा , जो फूल तुमने भेजा।
मैंनें तेरे तोहफे को , सीने से लगाया है॥
हर पूछने वाले से , इतना ही कहुंगा मैं।
मैंनें तुम्हें चाहा है , इस दिल में बसाया है॥
वो कभी हो नहीं सकता है , खुशी से पागल।
अदब से जिसने भी , गम को गले लगाया है॥
वो जिससे उम्र भर , जलते रहे , फरेब किया।
वो शख्स आज अब , मरने पे याद आया है॥