है बहारों का शमां , ऐ सनम आ जाइये ।
मुस्कुराना हुश्न का जेवर है , कुछ मुस्काइये ॥
आप के बिन महफिलों में , आती नहीं बहार है ,
शाम-ए-महफिल में जरा , कुछ देर को आ जाइये ॥
आप आती हैं तो रौनक , दिल में मेरे आती है ,
दिल का कहना है कि बस , कुछ और ठहर जाइये ॥
पास मेरे कुछ नहीं है ,धड़कते दिल के सिवा
आइये पहलू में मेरे , दिल मेरा ले जाइये ॥
मुस्कुराना हुश्न का जेवर है , कुछ मुस्काइये ॥
आप के बिन महफिलों में , आती नहीं बहार है ,
शाम-ए-महफिल में जरा , कुछ देर को आ जाइये ॥
आप आती हैं तो रौनक , दिल में मेरे आती है ,
दिल का कहना है कि बस , कुछ और ठहर जाइये ॥
पास मेरे कुछ नहीं है ,धड़कते दिल के सिवा
आइये पहलू में मेरे , दिल मेरा ले जाइये ॥
20 comments:
सुन्दर अहसास .
सावन गुजरने पर आई है बरखा
आपने भी आने में देर लगाई है .
आप आती हैं तो रौनक , दिल में मेरे आती है ,
दिल का कहना है कि बस , कुछ और ठहर जाइये ..
बहुत खूब ... प्रेम का मीठा एहसास जगाती ... सुन्दर रचना ...
बहुत खुबसूरत ग़ज़ल , मुबारक हो
वाह ...बहुत ही बढिया ...
कल 08/08/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
'' भूल-भुलैया देखी है ''
दिल का कहना है..कुछ देर और ठहर जाइए..
सुन्दर गज़ल..
अनु
बहुत बढ़िया सर!
सादर
खुबसूरत रचना... वाह!
सादर.
khoobsurat jajbaat! lijiye ham aapka dil lene aa hi gaye!
बहुत बहुत खुबसूरत प्रस्तुति....
बहुत सुन्दर....
:-)
खूबसूरत प्रस्तुति...
दिल मेरा ले जाइए!
खूबसूरत ख्याल!
आशीष
--
द टूरिस्ट!!!
मन को छू जाने वाले भाव।
ईद की दिली मुबारकबाद।
............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
मुस्कराना आवश्यक है ...
आभार !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति अजय जी -
आपका लिंक यहाँ भी है |
इन्तजार है हार को, आ बहार इस बार |
बार बार सूखे लड़ी, होय प्यार की हार |
होय प्यार की हार, लड़ी किस्मत से नजरें |
बदकिस्मत बदहाल, गुजरता ताकूँ गजरे |
*गटपट गजगामिनी, कहो अब क्या विचार है |
चाल चलो या तेज, चाल का इन्तजार है ||
*संयोग
dineshkidillagi.blogspot.com
nice and excellent
Bohot hi sundar ehsaas...wel done...
बहुत खुबसूरत ग़ज़ल...
Very appealing creation..
हुश्न का ज़ेवर है मुस्कुराना..!!
बहुत ही बढ़िया कहा श्रीअजयजी.
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